विक्रम -1 रॉकेट की विशेषता:
Skyroot vikram -1 विक्रम-1 क्यों है चर्चा में,जानिए सबकुछ इसके बारे में
भारत की स्पेस क्षेत्र की निजी कंपनी Skyroot नामक कंपनी ने बनाया विक्रम-1 की चर्चा होने लगी है। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने इसका अनावरण किया है। कार्बन-फाइबर स्ट्रक्चर और दमदार क्षमता वाला यह रॉकेट कक्षा में कई सैटलाइटों को पहुंचा सकता है। साल 2024 की शुरूआत में यह रॉकेट उपग्रहों को पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित करने की तैयारी कर रहा है। यह भारत के प्राइवेट सेक्टर की रॉकेट बनाने की क्षमता को भी दिखाता है।
विक्रम -1 रॉकेट की विशेषता :-
- विक्रम -1 एक बार 300 किलोग्राम तक के पेलोड ले जाने में सक्षम है , जो एक बार में कई उपग्रह ले कर जा सकता है।
- विक्रम -1 का नाम भारत के स्पेस प्रोग्राम को शुरू करने वाले वैज्ञानिक डॉ. विक्रम साराभाई के सम्मान में उनक नाम पर रखा गया है।
- विक्रम -1 को बनाने वाली कंपनी Skyroot ने बताया कि विक्रम सीरीज के लॉन्च वीकल को छोटे सैटलाइट मार्केट के लिए तैयार किया गया है, जो धरती की निचली कक्षा में जाने में सक्षम है।
- Skyroot ने आगे बताया कि आने वाले 10 सालो में धरती की निचली कक्षा में चोदे जाने वाले राकेटो की संख्या लगभग 20,000 होगी , उस बाजार को देखते हुए इसे विकशित किया गया है।
- कार्बोन फाइबर और मल्टिस्टेज रॉकेट होने के कारण सस्ता और विश्वसनीय भी साबित होगा।
- कंपनी ने यह तक दवा किया की आने वाले समय में विक्रम कई ऑर्बिट में रॉकेट पहुंचा सकता है, दूसरे ग्रहों पर भी जा सकता है।
- कंपनी ने अपने विज़न में कहाँ कि जल्द ही सैटलाइट लॉन्च करना कैब बुक करना जितना आसान होने वाला है।
- Skyroot कंपनी ने विक्रम सीरीज के रॉकेट विक्रम -1 ,विक्रम-2 ,विक्रम -3 के बारे में पूरी जानकारी अपने वेबसाइट पर दी है। जिसे आप उनकी ऑफिसियल वेबसाइट https://skyroot.in/ पर पढ़ सकते है।
यह इस बात का प्रमाण है की समय के साथ अब भारत के भी निजी क्षेत्र की कम्पनियाँ भी अंतरिक्ष के क्षेत्र में आगे बढ़टी दिख रही है , और अब भारत की कई कंपनी इस क्षेत्र में आगे और आधुनिक कार्यक्रम करते दिखेंगी ,
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